CM अशोक गहलोत के बेटे वैभव दिल्ली ED दफ्तर पहुंचे
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को ED ने FEMA के मामले में आज पूछताछ के लिए दिल्ली बुलाया है. वैभव ईडी ऑफिस में पहुंच गए हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने वैभव गहलोतको गुरुवार को समन जारी कर तलब किया था. आज सुबह 11 बजे वैभव को ईडी मुख्यालय में पेशी के लिए बुलाया गया था, जिसके लिए वह दिल्ली ईडी दफ्तर पहुंच चुके हैं. जांच एजेंसी ने पहले उनको शुक्रवार को तलब किया था लेकिन फिर पेशी का समय आगे बढ़ाकर 30 अक्टूबर कर दिया गया. वैभव गहलोत को पेशी का समन गुरुवार को उस समय जारी किया गया था जब एजेंसी पहले से ही राजस्थान पेपर लीक मामले में राजस्थान कांग्रेस प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा के ठिकानों पर छापेमारी कर रही थी.राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले वैभव गहलोत पर ED की यह कार्रवाई बहुत ही खास मानी जा रही है.
प्रवर्तन निदेशायल ने इसी साल 29 अगस्त से 31 सितंबर तक जयपुर ,उदयपुर, मुंबई और दिल्ली में छापेमारी की थी. ये छापेमारी FEMA Act के तहत की गई थी. कुछ महीने पहले ही ईडी की टीम ने ट्राइटन होटल्स नामक मुंबई स्थित फर्म के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में छापेमारी की थी. उस दौरान विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (फेमा) के तहत जयपुर, उदयपुर, मुंबई और दिल्ली में कई जगहों पर 29 से 31 अगस्त तक तलाशी भी ली गई थी. रिसॉर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के निदेशक रतन कांत शर्मा हैं, जो राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत के बिजनेस पार्टनर भी हैं.
ईडी ने पिछले महीने एक बयान में कहा, “ईडी ने विश्वसनीय जानकारी के आधार पर जांच शुरू की जिसमें ट्राइटन होटल्स एंड रिसॉर्ट्स प्रा. लिमिटेड के शेयर मॉरीशस की एक कंपनी शिवनार होल्डिंग्स लिमिटेड ने ज्यादा प्रीमियम देकर खरीदे, जिसे फेमा प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए कई बार संशोधित किया गया.ये भी पता चला कि ट्राइटन समूह विदेश से हवाला लेनदेन में शामिल रहा है. छापेमारी में करीब 1.27 करोड़ रुपये बरामद किए गए और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स से पता चला, “समूह द्वारा लेनदेन में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी है और बेहिसाब मिले कैश को होटलों को बनाने में निवेश किया गया है.”
रतन कांत शर्मा पर अब बंद हो चुकी कार रेंटल कंपनी सन लाइट कार रेंटल में वैभव गहलोत का बिजनेस पार्टनर होने का आरोप है. इससे पहले बीजेपी सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने आरोप लगाया था कि जयपुर के एक होटल का स्वामित्व ट्राइटन होटल्स के पास है. वहीं वैभव गहलोत ने ईडी के दावों का खंडन किया है.उन्होंने पिछले हफ्ते कहा था कि 12 साल पुराना आरोप है.