किमती जेवरात से भरा बैग मिला, मालिक को वापस लौटाकर दिया ईमानदारी का परिचय

बैग में करीब छ लाख कीमत के थे जेवरात : गणमान्य लोगों की मौजूदगी में मालिक को किया सुपुर्द

बीकानेर सुरनाणा, रिपोर्ट भैराराम तर्ड।संस्कारों से बड़ी कोई वसीयत नहीं होती, ईमानदारी से बड़ी कोई विरासत नहीं होती। कहते हैं कि ईमानदारी सिर्फ पैसों की मोहताज नहीं होती इमानदारी उसे हर चीज में होनी चाहिए…….. ऐसा ही कर दिखाया अपनी ईमानदारी का परिचय देते हुए लूणकरणसर के सुरनाणा निवासी मदनलाल नाई ने।
मौका था गंगानगर निवासी विपुल शर्मा के परिवार का जो जयपुर से पल्लू होते हुए अर्जनसर होकर गंगानगर जा रहे थे इसी दरमियान यह परिवार अर्जुनसर के रेलवे फाटक के उस पार होटल पर बैठकर चाय पानी पी रहे थे।
उस वक्त यह कीमती जेवरात से भरा बैग गाड़ी में बैठते समय अनजाने में पीछे रह गया। उसी वक्त लूणकरणसर के सुरनाणा निवासी ट्रक ड्राइवर मदनलाल नाई जो कि गंगानगर से लूणकरणसर आ रहे थे।अर्जुनसर रेलवे फाटक के पास उसकी नजर एक बैग पर पड़ी।ड्राइवर ने गाड़ी रोककर उस बैग को अपने कब्जे में लिया और घर आकर परिवार के सदस्यों को बताया।उस बैग में कीमती जेवरात के अलावा मेडिकल दवाइयां,एटीएम कार्ड,आधार कार्ड व नकदी राशि भी थी।आधार कार्ड से नंबर निकलवाकर उस मालिक से संपर्क किया जो गंगानगर का रहने वाला विपुल शर्मा थे जो महिला व बाल विकास विभाग में एनजीओ चलाते हैं।उसकी धर्मपत्नी सुमन के जेवरात से भरा हुआ यह बैग था।
सुरनाणा निवासी मदनलाल नाई ने अपनी ईमानदारी का परिचय देते हुए दूरभाष के जरिए उस मालिक से संपर्क कर अपने कीमती जेवरात ले जाने का आग्रह किया।सूचना मिलते इस परिवार का खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा।उसी वक्त गाड़ी लेकर शुक्रवार शाम को गंगानगर का यह परिवार सुरनाणा पहुंचकर नाई परिवार के सदस्यों से मिलकर ईमानदारी के लिए धन्यवाद देते हुए बहुत-बहुत आभार जताया।शर्मा ने कहा कि इमानदारी से कमाई करने वालों के शोक भले ही ना पूरे हो पर नींद जरूर पूरी होती है और आज भी इंसानियत जिंदा है।गणमान्य लोगों की मौजूदगी में यह बैग मालिक को सुपुर्द किया।
इस वक्त मौके पर गंगानगर पुलिस थाना के विष्णु ओझा,महाजन थाना के राजेंद्र,संतराम भोभरिया, चंद्रप्रकाश मेघवाल,मदन नाई, मामराज नाई,भागीरथ नाई,जगदीश नाई,ओमप्रकाश नाई,भंवर,राजूराम सुनील,लालूराम सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे।
इस दौरान गंगानगर के परिवार ने सुरनाणा के नाई परिवार को पुरस्कार स्वरूप इमानदारी के लिए नगद राशि देकर सम्मानित किया।